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आस्था  पर प्रश्नचिह्न

आस्था पर प्रश्नचिह्न

ईश्वरीय सत्ता पर आस्तिक लोगों के अकाट्य विश्वास को परिलक्षित करती हुई हिन्दी में एक प्रचलित लोकोक्ति है- ‘जाको राखे साइयाँ, मार सके न कोई’, किन्तु पाकिस्तान के एक स्कूल में आतंकवादियों द्वारा सौ से अधिक बेगुनाह और मासूम बच्चों की निर्ममतापूर्ण हत्या और उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में बी.एड. की छात्रा से दुष्कर्म के बाद नृशंस हत्या का सनसनीखेज मामला सामने आने के बाद भारत गणराज्य के एक प्रमुख हिन्दी समाचार-पत्र दैनिक जागरण के संवाददाता द्वारा छात्रा के पिता के बारे में यह संकेत करना कि छात्रा के पिता दिल्ली के चर्चित निर्भया सामूहिक दुष्कर्म कांड के विरोध में 17 दिन चले आंदोलन में शामिल रहे थे- क्या ईश्वरीय सत्ता के प्रति आस्तिक लोगों के अखण्ड विश्वास को डगमगाने के लिए काफ़ी नहीं है?